Gyani Pandit Ji - मन को जीतना ही सबसे बड़ा तप है
⚛️ मन को जीतना ही सबसे बड़ा तप है ⚛️ -------------------------------------------- एक ऋषि यति-मुनि एक समय घूमते-घूमते नदी के तट पर चल रहे थे। मुनि को मौज आई। हम भी आज नाव पर बैठकर नदी की सैर करें और प्रभु की प्रकृति के दृश्यों को देखें। चढ़ बैठे नाव को देखने के विचार से । मुनिवर नीचे के खाने में गये, जहां नाविक का सामान और निवास होता है । जाते ही उनकी दृष्टि एक कुमारी कन्या पर पड़ी, जो नाविक की पुत्री थी। कुमारी इतनी रुपवती थी कि मुनिवर विवश हो गये, उन्हें मूर्च्छा सी आ गई।.देवी ने उनके मुख में पानी डाला तो होश आया। कुमारी ने पूछा ―"मुनिवर ! क्या हो गया ?" मुनि बोला― "देवी ! मैं तुम्हारे सौन्दर्य पर इतना मोहित हो गया कि मैं अपनी सुध-बुध भूल गया अब मेरा मन तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। मेरी जीवन मृत्यु तुम्हारे आधीन है।" कुमारी बोली ― "आपका कथन सत्य है, परन्तु मैं तो नीच जाति की मछानी हूं।" मुनि― "मुझमें यह सामर्थ्य है कि मेरे स्पर्श से तुम शुद्ध हो जाओगी।" कुमारी ― "पर अब तो दिन है।" मुनि― "मैं अभी रात कर दिखा ...