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Gyani Pandit Ji - भक्त एवं अभक्त में मुख्य अंतर क्या है?

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"जय जगन्नाथ" भक्त एवं अभक्त में मुख्य अंतर क्या है?सुर(देवता) एवं असुर(राक्षस) में मुख्य अंतर क्या है? आइये,प्रमाण से समझते है:भक्त या सुर जब अपने इष्ट(भगवान) का जन्मदिन मनाता है तो उपवास,व्रत,जप,तप, कीर्तन एवं फलाहार, ज्यूस पीकर करता है, मनाता है।जैसे:जन्माष्टमी, रामनवमीं, शिवरात्रि, निर्जला एकादशी, नरसिंह चतुर्थी, इत्यादि त्योहार।लेकिन जब अभक्त या असुर अपने इष्ट का जन्मदिन मनाते हैं तो, अनेकों अनेक जीवो की हत्या करके,माँसाहार करके,नशा, शराब पी करके, अवैध संबंध स्थापित करके, जुआ,कसीनो खेल करके मनाता है।यही मुख्य अंतर है।प्रमाण के तौर पर आप ईसा मसीह(jesus christ) के जन्म दिन पर देख सकते हैं।माता शबरी जंगली आदिवासी थीं।जब उसे पता चला कि उसके विवाह समारोह में अनेक जीवों की हत्या होने वाली है ,इस पाप से बचने के लिए उसने घर छोड़कर ऋषि के आश्रम में चली गई।फिर भी यह पढ़े लिख महामूर्खे लोग सीखने के लिए तैयार नहीं है।यही पापी ,अभक्त एवं असुर होने का पक्का प्रमाण हैं। हरे कृष्ण🙏

Gyani Pandit Ji-सफला एकादशी (13-Dec-2017 )

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सफला एकादशी व्रत कथा ... सफला एकदशी पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में 'पॉश' महीने के दौरान कृष्ण पक्ष के 'एकदशी' (11 वें दिन) पर मनाया गया शुभ उपवास है। इस एकदाशी को 'पॉसा कृष्ण एकदशी' भी कहा जाता है। यदि आप ग्रेगोरीयन कैलेंडर का पालन करते हैं तो इसे दिसंबर से जनवरी के महीनों के बीच मनाया जाता है। सफ़ल एकदशी का दिन हिंदुओं के लिए पवित्र है क्योंकि यह माना जाता है कि इस दिन ईमानदारी से उपवास करके भक्त अपने पापों को दूर कर सकते हैं और आनंदित जीवन का आनंद उठा सकते हैं। एकदशी एक श्रद्धेय दिन है जो हर चंद्र हिंदू माह में दो बार आती है और इस दिन विश्व के संरक्षक भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। सफला एकादशी 2017(Saphala Ekadashi 2017) साल 2017 में सफला एकादशी व्रत, 13 दिसंबर को है। सफला एकादशी व्रत विधि (Saphala Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi) पद्म पुराण के अनुसार सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु का विधि- विधान व विशेष मंत्रों के साथ पूजन किया जाता है। सफला एकादशी के दिन उपवास करना चाहिए। दीप, धूप, नारियल, फल, सुपारी, बिजौरा, नींबू, अनार, सुंदर आंवला, लौंग, बेर, ...