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वसंत पंचमी का त्योहार by Gyani Pandit

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वसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।यह पूजा पूर्वी भारत में बड़े उल्लास से की जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण कर पूजा-अर्चना करती हैं। पूरे साल को जिन छः मौसमों में बाँटा गया है, उनमें वसंत लोगों का मनचाहा मौसम है। सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे, तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छि़ड़क दिया, जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई। जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। वहीं अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। जब इस देवी ने वीणा का मधुर नाद किया तो संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई, तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा। पर्व का महत्व : वसंत ऋतु में मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास भरने लगते हैं। यूं तो माघ का पूरा मास ही उत्साह देने वाला होता है, पर वसंत पंचमी का पर्व हमारे ...

Gyani Pandit Ji - हनुमान जयंती 2018: बजरंगबली से जुड़ें ये 9 रहस्य शायद आप नहीं जानते होंगे

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31 मार्च को हनुमान जयंती है। हनुमान जी सभी देवों में ऐसे देवता है जो अपने भक्तों के द्वारा प्रसन्न करने पर बहुत जल्द खुश हो जाते है। भक्तों के हर कष्ट को बस नाम लेने से ही हर लेते हैं भगवान हनुमान। भगवान हनुमान आज भी इस पृथ्वी पर जीवित स्थिति में भ्रमण करते हैं। पवन पुत्र बजरंगबली के जीवन के कुछ ऐसे रहस्य हैं जिनके बारें में शायद आपको नहीं मालूम होगा। हनुमान जयंती के मौके पर आइए जानते है उनके जीवन की 9 रहस्यमयी बातें। हनुमानजी के गुरू हनुमानजी मातंग ऋषि के शिष्य थे। वैसे तो हनुमान जी ने कई लोगों से शिक्षा ली थी। सूर्यदेव और नारदजी के अलावा इन्होंने मातंग ऋषि से भी शिक्षा-दीक्षा ली थी। कहते है मातंग ऋषि के आश्रम में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है श्रीलंका के जंगलों में मंतग ऋषि के वंशज आदिववासी से हनुमान जी प्रत्येक 41 साल बाद मिलने आते है। हनुमानजी और भगवान राम के बीच का युद्ध हनुमान जी ने अपने प्रभु राम के साथ युद्ध भी किया था। दरअसल  एक बार भगवान राम के गुरु विश्वामित्र किसी कारणवश हनुमानजी से नाराज हो गए और उन्होंने रामजी को हनुमान जी को मौत की सजा देने को क...

Gyani Pandit Ji - Om Suryaya Namah ~ Blessed Sunday Divine Souls

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Hinduism lays great emphasis on worshipping the five gods. Lord Shiva and his Roop Hanuman, Lord Vishnu, Lord Ganesha, Maa Shakti and Surya Dev (Sun-god). One who renders devotional service to and worships any of these deities and does japa of their names gets all kinds of benefits – material, other-worldly, moral and spiritual. The Sun is the symbol of the Self-god. As the Self-god illuminates the mind, the intellect and the body, the Sun illuminates the world. But the Sun  too is illuminated by the Atman. Who is the knower of the existence or non-existence of the Sun? It is your real ‘I’, your Real Self. Your real ‘I’ is blazing in the form of the Sun. The Sun is the symbol of Knowledge and is the source of light, ojas, lustre, power and vitality. Elaborating on the meaning of Surya, the scriptures say: Surya is Su(supreme) + rya (inspiring). Thus Surya means ‘the supreme one that inspires’. ‘O Surya! O Lord! Illuminate my intellect with Knowledge. You are the ancient ...

Gyani Pandit Ji - कलियुग में हनुमानजी का निवास

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भगवान बजरंगबली, भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं। रुद्र अवतार बजरंग बली(हनुमानजी) का बल, पराक्रम, ऊर्जा, बुद्धि, सेवा व भक्ति के अद्भुत व विलक्षण गुणों से भरा चरित्र सांसारिक जीवन के लिए आदर्श माना जाता हैं। यही वजह है कि शास्त्रों में हनुमान को 'सकलगुणनिधान' भी कहा गया है।   पौराणिक मान्यताओं के अनुसार में कलियुग में हनुमानजी का निवास गन्धमादन पर्वत (वर्तमान में रामेश्वरम धाम के नजदीक) पर है। माना जाता है कि कलियुग में जहां-जहां हनुमान के इष्ट श्रीराम का ध्यान और स्मरण होता है, ब जरंगबली अदृश्य रूप में उपस्थित रहते हैं। शास्त्रों में उनके गुणों की स्तुति में लिखा भी गया है कि, 'यत्र-यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र-तत्र कृत मस्तकांजलिं।' इस तरह श्रीहनुमान का स्मरण हर युग में अलग-अलग रूप और शक्तियों के साथ संकटमोचक बन जगत को विपत्तियों से उबारते रहे हैं। गोस्वामी तुलसीदास, हनुमान चालीसा में लिखा है, 'चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा।' यानी हनुमान ऐसे देवता है, जो हर युग में किसी न किसी रूप, शक्ति और गुणों के साथ जगत के लिए संकटमोचक बनकर मौजूद रहते ह...

Gyani Pandit Ji - Worship of Lord Hanuman

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In the story of Lord Hanuman we see represented a great hero who is completely devoted to his lord, to his master, to his guru: Shri Rama. He has Bhakti, Shakti, Vidya and Seva-Bhava, Brahmacharya and Nishkamya-Bhava. He never boasts of His bravery and intelligence. He said to Ravana, "I am a humble messenger of Shri Rama. By the command of Lord Rama, I have come here. I have come here to serve Rama, to do His work. I am fearless, by the grace of Lord Rama. I am not afraid of  death. I welcome it, if it comes while I am serving Lord Rama." Mark here how humble Hanuman ji is! How devoted He is to Lord Rama! After the defeat of Ravana, Rama and Sita are crowned King and Queen of Ayodhya. Hanuman ji is offered a reward for his bravery and asks only to continue in service to him and to live for as long as men speak of Shri Rama's deeds. He remains as Rama's favourite general to this day. Because of his bravery, perseverance, strength and devoted service, Hanuman ...

Gyani Pandit Ji - यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की केवल इस पंक्ति का जप करता है तो

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1. हनुमान जी अत्‍यंत बलशाली हैं। और वे हर बुरी आत्‍माओं का नाश कर के लोगों को उससे मुक्‍ती दिलाते हैं। जिन लोगों को रात मे डर लगता है या फिर डरावने विचार मन में आते रहते हैं, उन्‍हें रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिये। 2. साढे साती का प्रभाव कम करे: हनुमान चालीसा पढ़ कर आप शनि देव को खुश कर सकते हैं और साढे साती का प्रभाव कम करने में सफल हो सकते हैं। कहानी के मुताबिक हनुमान जी ने शनी देव की जान की रक्षा की थी, और फिर शनि देव ने खुश हो कर यह बोला था कि वह आज के बाद से किसी भी हनुमान भक्‍त का कोई नुकसान नहीं करेगें। 3. हम कभी ना कभी जान बूझ कर या फिर अनजाने में ही गल्‍तियां कर बैठते हैं। लेकिन आप उसकी माफी हनुमान चालीसा पढ़ कर मांग सकते हैं। रात के समय हनुमान चालीसा को कम से कम ग्यारह बार पढ़ने से आप सभी प्रकार के पाप से मुक्‍त हो सकते हैं। 4. जो भी इंसान हनुमान चालीसा को रात में पढेगा उसे हनुमान जी स्‍वंय आ कर सुरक्षा प्रदान करेगें। बचपन से ही हमें सिखाया गया है कि अगर कभी भी मन अशांत लगे या फिर किसी चीज से डर लगे तो, हनुमान चालीसा पढ़ो। ऐसा करने से मन शांत होता है और डर भी...

Gyani Pandit Ji - ईश्वर हमारा भाग्य नहीं लिखता

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ईश्वर हमारा भाग्य नहीं लिखता, क्योंकि वह पसंद-नापसंद का कोई भी आरोप अपने ऊपर नहीं लेता । जीवन के हर कदम पर हमारी सोच, हमारे वचन और हमारे कर्म ही हमारा भाग्य लिखते है । अतः सदा स्मरण रखें... हर क्षण, कलम भी हमारी है... लिखावट भी हमारी है... और रचना भी हमारी ही है...!! किसी भी कर्म के लिए किसी को भी दोष न दे, भगवान को भी नहीं ।

Gyani Pandit Ji - शबरी के पैरों की धूल

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👏🌹 श्री राधे राधे🌹👏 🌹🌹 शबरी के पैरों की धूल 🌹  शबरी एक आदिवासी भील की पुत्री थी। देखने में बहुत साधारण, पर दिल से बहुत कोमल थी। इनके पिता ने इनका विवाह निश्चित किया, लेकिन आदिवासियों की एक प्रथा थी की किसी भी अच्छे कार्य से पहले निर्दोष जानवरों की बलि दी जाती थी। इसी प्रथा को पूरा करने के लिये इनके पिता शबरी के विवाह के एक दिन पूर्व सौ भेड़ बकरियाँ लेकर आये। तब शबरी ने पिता से पूछा – पिताजी इतनी सारी भेड़ बकरियाँ क्यूँ लाये ? पिता ने कहा – शबरी यह एक प्रथा है जिसके अनुसार कल प्रातः तुम्हारी विवाह की विधि शुरू करने से पूर्व इन सभी भेड़ बकरियों की बलि दी जायेगी। यह कहकर उसके पिता वहाँ से चले जाते हैं। प्रथा के बारे में सुन शबरी को बहुत दुःख होता है और वो पूरी रात उन भेड़ बकरियों के पास बैठी रही और उनसे बाते करती रही। उसके मन में एक ही विचार था कि कैसे वो इन निर्दोष जानवरों को बचा पाये। तब ही एकाएक शबरी के मन में ख्याल आता है और वो सुबह होने से पूर्व ही अपने घर से भाग कर जंगल चली गई जिससे वो उन निर्दोष जानवरों को बचा सके। शबरी भली भांति जानती थी, अगर एक बार वो इस तरह से घर स...

Gyani Pandit Ji - राम भक्त हनुमान की पूजा-उपासना के लिए मंगलवार का दिन विशेष महत्व रखता है।

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!!Jai Shree Ram!! !!Jai Hanuman!!     जिसे हनुमान जी का आशीर्वाद मिल गया तो समझो उसके सारे काम पूरे हो गए है। हनुमान जी के आशीर्वाद से सभी बिगड़े काम चुटकी में ही पूरे हो जाते हैं। श्रीराम कथा और सुंदर कांड के पाठ में भक्त हनुमान की उपस्थित हमेशा रहती हैं। इनको महावीर, रूद्रावतार, पवन पुत्र, अंजनी पुत्र आदि नामों से जाना जाता हैं। सर्वशक्तिमान श्रीराम भक्त हनुमान हमेशा अपने भक्तों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं। इनकी पूजा से काले जादू, आर्थिक, स्वास्थ्य, नकारात्मक ऊर्जा,अध्ययन और डर संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है। हनुमान जी की कृपा जिस किसी पर भी होती है उसके सारे कार्य पूर्ण हो जाते हैं। एकादश रुद्रावतार हनुमान जी मंगल के अधिष्टाता माने गए हैं। राम भक्त हनुमान की पूजा-उपासना के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन विशेष महत्व रखता है। जब हनुमान जी का जन्म हुआ तो उस दिन मंगलवार था। मंगलवार को विशेष प्रयोग करने से तुरंत ही बिगड़े काम बनने लगते हैं और हर समस्या का समाधान होते हुए मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के संबंध में कई प्रकार की मान्यताएं हैं, पडितों व...