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Gyani Pandit Ji - मनोकामना पूर्ति के लिए करें सूर्य उपासना

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मनोकामना पूर्ति के लिए करें सूर्य उपासना जीवन की उलझनों से बाहर निकलने के धार्मिक उपायों में सूर्य उपासना बहुत ही असरदार मानी गई है। सूर्य के बुरे प्रभाव से व्यक्ति का शरीर ही रोगी नहीं होता बल्कि मान, सम्मान की भी हानि हो सकती है। ऐसे में सूर्य की उपासना स्वास्थ्य, पद, प्रतिष्ठा और सुख देने वाली साबित होती है। सूर्य जीवन में प्रकाश का देवता है, इनकी गिनती हिन्दू धर्म में आदि पंच देवों में भी होती है। कलयुग में यहीं एक मात्र दृश्य देव माने गए है। सूर्य का प्रभाव ही जीवन में यश देता है। अत: माना जाता है कि सूर्य देव  की जिसपर भी कृपा होती है वह जीवन में काफी ऊंचा नाम कमाता है। रविवार सूर्य उपासना का दिन है। इसलिए यहां बताया जा रहा है सूर्य उपासना में बोले जाने वाला एक विशेष मंत्र जिसे ज्ञानशक्ति रूप मां गायत्री की भी उपासना का फल प्राप्त होता है। यह मंत्र है सूर्य गायत्री मंत्र। यह मंत्र जप रविवार के अलावा नियमित रूप करना भी बहुत शुभ होता है - - रविवार को प्रात: स्नान कर सूर्य की प्रतिमा या तस्वीर की कुमकुम, अक्षत, फूल अर्पित कर धूप और दीप से आरती करें, सूर्यदेव को अर्घ...

Gyani Pandit Ji - शबरी के पैरों की धूल

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👏🌹 श्री राधे राधे🌹👏 🌹🌹 शबरी के पैरों की धूल 🌹  शबरी एक आदिवासी भील की पुत्री थी। देखने में बहुत साधारण, पर दिल से बहुत कोमल थी। इनके पिता ने इनका विवाह निश्चित किया, लेकिन आदिवासियों की एक प्रथा थी की किसी भी अच्छे कार्य से पहले निर्दोष जानवरों की बलि दी जाती थी। इसी प्रथा को पूरा करने के लिये इनके पिता शबरी के विवाह के एक दिन पूर्व सौ भेड़ बकरियाँ लेकर आये। तब शबरी ने पिता से पूछा – पिताजी इतनी सारी भेड़ बकरियाँ क्यूँ लाये ? पिता ने कहा – शबरी यह एक प्रथा है जिसके अनुसार कल प्रातः तुम्हारी विवाह की विधि शुरू करने से पूर्व इन सभी भेड़ बकरियों की बलि दी जायेगी। यह कहकर उसके पिता वहाँ से चले जाते हैं। प्रथा के बारे में सुन शबरी को बहुत दुःख होता है और वो पूरी रात उन भेड़ बकरियों के पास बैठी रही और उनसे बाते करती रही। उसके मन में एक ही विचार था कि कैसे वो इन निर्दोष जानवरों को बचा पाये। तब ही एकाएक शबरी के मन में ख्याल आता है और वो सुबह होने से पूर्व ही अपने घर से भाग कर जंगल चली गई जिससे वो उन निर्दोष जानवरों को बचा सके। शबरी भली भांति जानती थी, अगर एक बार वो इस तरह से घर स...

Gyani Pandit Ji - Meaning of Lord Shiva Damaru

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"When Shiva beats his damaru, the evil shakes, while the wise awakes!! " Lord Shiva is always depicted holding a ‘Damaru’, tied right under his Trishul. It is one of the visible marks of Lord Shiva. According to Puranas, Lord Shiva beats damaru’ to cut out the audible nuisances and calm the negative vibrations. The sound vibration of ‘damaru’ is considered propitious. Damaru, which looks like a small drum appearing in the form similar to that of an hour-glass is often attribu ted to the lord's famous dancing posture—the Nataraja. It is believed by many that the damaru produced the first dhwani (sound) also known as 'nada' in the universe. It was born in the void and Shiva danced to the rhythm of damaru, which led to the creation of this universe. Another legend has it that the top of the damaru symbolizes male creativity of procreation and the downward representation stands for female creativity of procreation. Also, many say that the sound produc...