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जन्‍माष्‍टमी का महत्‍व and श्रीकृष्‍ण के जन्‍म की कथा by Gyani Pandit (23-August-2019)

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जन्‍माष्‍टमी हिन्‍दुओं का प्रमुख त्‍योहार है. हिन्‍दू मान्‍यताओं के अनुसार सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु के आठवें अवतार नटखट नंदलाल यानी कि श्रीकृष्‍ण के जन्‍मदिन को श्रीकृष्‍ण जयंती या जन्‍माष्‍टमी के रूप में मनाया जाता है. हालांकि इस बार कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी की तारीख को लेकर लोगों में काफी असमंजस में हैं. लोग उलझन में हैं कि जन्‍माष्‍टमी 23 अगस्‍त या फिर 24 अगस्‍त को मनाई जाए. दरअसल, मान्‍यता है कि भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्‍म भाद्रपद यानी कि भादो माह की कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. अगर अष्‍टमी तिथि के हिसाब से देखें तो 23 अगस्‍त को जन्‍माष्‍टमी होनी चाहिए, लेकिन अगर रोहिणी नक्षत्र को मानें तो फिर 24 अगस्‍त को कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी होनी चाहिए. आपको बता दें कि कुछ लोगों के लिए अष्‍टमी तिथि का महत्‍व सबसे ज्‍यादा है वहीं कुछ लोग रोहिणी नक्षत्र होने पर ही जन्‍माष्‍टमी का पर्व मनाते हैं.  हिन्‍दू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी भद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी कि आठवें दिन मनाई जाती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी हर स...

Gyani Pandit Ji - क्या होगा कलियुग के अंत में, जानिए...

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महर्षि व्यासजी के अनुसार कलयुग  में मनुष्यों में वर्ण और आश्रम संबंधी प्रवृति नहीं होगी। वेदों का पालन कोई नहीं करेगा। कलयुग में विवाह को धर्म नहीं माना जाएगा। शिष्य गुरु के अधीन नहीं रहेंगे। पुत्र भी अपने धर्म का पालन नहीं करेंगे। कोई किसी कुल में पैदा ही क्यूं न हुआ जो बलवान होगा वही कलयुग में सबका स्वामी होगा। सभी वर्णों के लोग कन्या बेचकर निर्वाह करेंगे। कलयुग में जो भी किसी का वचन होगा वही शास्त्र माना जाएगा। कलयुग में थोड़े से धन से मनुष्यों में बड़ा घमंड होगा। स्त्रियों को अपने केशों पर ही रूपवती होने का गर्व होगा। कलयुग में स्त्रियां धनहीन पति को त्याग देंगी उस समय धनवान पुरुष ही स्त्रियों का स्वामी होगा। जो अधिक देगा उसे ही मनुष्य अपना स्वामी मानेंगे। उस समय लोग प्रभुता के ही कारण सम्बन्ध रखेंगे। द्रव्यराशी घर बनाने में ही समाप्त हो जाएगी इससे दान-पुण्य के काम नहीं होंगे और बुद्धि धन के संग्रह में ही लगी रहेगी। सारा धन उपभोग में ही समाप्त हो जाएगा। कलयुग की स्त्रियां अपनी इच्छा के अनुसार आचरण करेंगी हाव-भाव विलास में ही उनका मन लगा रहेगा। अन्याय से धन पैद...

Gyani Pandit Ji - हनुमान जयंती 2018: बजरंगबली से जुड़ें ये 9 रहस्य शायद आप नहीं जानते होंगे

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31 मार्च को हनुमान जयंती है। हनुमान जी सभी देवों में ऐसे देवता है जो अपने भक्तों के द्वारा प्रसन्न करने पर बहुत जल्द खुश हो जाते है। भक्तों के हर कष्ट को बस नाम लेने से ही हर लेते हैं भगवान हनुमान। भगवान हनुमान आज भी इस पृथ्वी पर जीवित स्थिति में भ्रमण करते हैं। पवन पुत्र बजरंगबली के जीवन के कुछ ऐसे रहस्य हैं जिनके बारें में शायद आपको नहीं मालूम होगा। हनुमान जयंती के मौके पर आइए जानते है उनके जीवन की 9 रहस्यमयी बातें। हनुमानजी के गुरू हनुमानजी मातंग ऋषि के शिष्य थे। वैसे तो हनुमान जी ने कई लोगों से शिक्षा ली थी। सूर्यदेव और नारदजी के अलावा इन्होंने मातंग ऋषि से भी शिक्षा-दीक्षा ली थी। कहते है मातंग ऋषि के आश्रम में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है श्रीलंका के जंगलों में मंतग ऋषि के वंशज आदिववासी से हनुमान जी प्रत्येक 41 साल बाद मिलने आते है। हनुमानजी और भगवान राम के बीच का युद्ध हनुमान जी ने अपने प्रभु राम के साथ युद्ध भी किया था। दरअसल  एक बार भगवान राम के गुरु विश्वामित्र किसी कारणवश हनुमानजी से नाराज हो गए और उन्होंने रामजी को हनुमान जी को मौत की सजा देने को क...

Gyani Pandit Ji - क्यों होती है खंडित शिवलिंग की पूजा?

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क्या आप जानते है की सिर्फ भगवान शिव के ही रूप शिवलिंग की पूजा खंडित रूप में भी हो सकती है | जबकि अन्य सभी देवी देवताओ की मूर्तियाँ खंडित होने पर पूजा के योग्य नही मानी जाती | उन टूटी हुई प्रतिमाओ को पीपल के वृक्ष की जड़ में रख दिया जाता है | ध्यान रखे यदि शिव प्रतिमा टूट गयी है तो उसकी भी पूजा नही करनी चाहिए | क्यों होती है खंडित शिवलिंग की पूजा शिव के जन्म कथा से पता चलता है की शिव निराकार और साकार दोनों रूप में पूजे जाते है | शिव के साकार रूप में उनकी प्रतिमा तो निराकार रूप में शिवलिंग की पूजा की महिमा बताई गयी है | शिवलिंग की पूजा सबसे अच्छी महान बताई गयी है | यदि शिवलिंग कितना भी खंडित हो जाये , हर अवस्था में पूजनीय माना गया है | शास्त्रों में हर तरह के शिवलिंग की महिमा और महत्व बताया गया है | शिवलिंग पूजा विधि से सभी मनोरथ और कामना पूर्ण होती है | इस पूजा में ध्यान रखे की कैसे करे शिव को प्रसन्न | सभी शिव भक्तो को यह जरुर ध्यान रखना चाहिए की शिवलिंग की पूजा करते समय उनका मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए | शिवलिंग की परिक्रमा भी कभी पूरी नही करनी चाहिए क्योकि जलधारी को कभी ...

Gyani Pandit - सत्कर्म का फल कभी व्यर्थ नहीं जाता ।

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🔯  महाभारत की एक शिक्षाप्रद कहानी  🔯 सत्कर्मों का फल देर से मिलने की वजह से लोग अक्सर दुष्कर्मों को अपना लेते है । किन्तु ऐसा करने वाले हमेशा याद रखे “ अपने किये हुए कर्म का फल जीव अवश्य भोगता है ” ऐसा गीता में कहा गया है । “ सत्कर्म का फल कभी व्यर्थ नहीं जाता ” यह इस छोटी सी कहानी में समझाया गया है । महाभारत के समय की बात है । उस समय सभी लोग नदियों के किनारे या घाट पर स्नान करने जाया करते थे । एक दिन प्रातःकाल द्रौपदी भी यमुना स्नान को गई । उसी समय एक महात्मा भी उससे थोड़ी ही दुरी पर स्नान करने आये । महात्मा ने अपना एक वस्त्र यमुना किनारे रख दिया और नदी में उतरकर नहाने लगे । थोड़ी ही देर में जब दौपदी ने स्नान कर लिया तो वह नगर की ओर जाने को हुई, तभी उसने देखा कि महात्मा अभी भी यमुना में ही खड़े थे (महात्मा का अधोवस्त्र यमुना के तीव्र प्रवाह में बह चूका था ) । उसे आश्चर्य तो हुआ किन्तु फिर भी वह आगे बढ़ दी । थोड़ी दूर जाने के बाद उसने फिर मुड़कर महात्मा की ओर देखा तो पता चला कि महात्मा नदी में नहीं है । ध्यान से देखने पर ज्ञात हुआ कि महात्मा पास की एक झाड़ी में छुपकर...

Gyani Pandit Ji - प्रमुख कर्तव्य -एक प्रसंग जिंदगी का:

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बच्चे कहेगें मां बाप से हमारा अच्छे से पालन पोषण करना तुम्हारा कर्तव्य हे ,मां बाप कहेगें बेटा बुढापे मे हमारी सेवा करना तुम्हारा कर्तव्य हे , पत्नी कहेगी पति से हमारी देखभाल करना व भरण पोषण करना तुम्हार कर्तव्य हे ,पति कहेगा घर- बार संभालना परिवार की सेवा करना तुम्हारा कर्तव्य हे ,सरकार कहेगी जनता से कि वोट देना ,कर देना व कानून की पालना करना करना जनता का कर्तव्य हे ,जनता कहेगी सरकार से की हमारी रक्षा करना प्राथमिक सुविधाये देना सरकार का कर्तव्य हे ,यानि हर व्यक्ति अपने हित के लिये दुसरे को अपने कर्तव्य की याद दिलाता हे पर भगवान /गुरू ही हमारे हित के लिये कहते है कि तु आत्मा हे देह नही अपने असली स्वरूप को जानकर हमेशा के लिये दु:खो से मुक्त हो जाना तुम्हारा परम कर्तव्य हे ! एक    राजा बहुत दिनों से पुत्र की प्राप्ती के लिये आशा लगाये बैठा था, पर पुत्र नही हुआ । उसके सलाहकारों ने तांत्रिकों से सहयोग की बात बताई । सुझाव मिला कि किसी बच्चे की बलि दे दी जाये तो पुत्र प्राप्ती हो जायेगी । राजा ने राज्य में ये बात फैलाई कि जो अपना बच्चा देगा उसे बहुत सारे धन दिये जायेगे ...

Gyani Pandit Ji - जरा देखो, क्या होता है जब तुम मांस खाते हो??

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🔴 🙏 ‼️      माँसाहारी बनकर अपनी धार्मिक उर्जा खो मत देना ‼️ 🙏 🙏 ‼️ आदमी को, स्वाभाविक रूप से, एक शाकाहारी होना चाहिए, क्योंकि पूरा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए बना है। वैज्ञानिक इस तथ्य को मानते हैं कि मानव शरीर का संपूर्ण ढांचा दिखाता है कि आदमी गैर-शाकाहारी नहीं होना चाहिए। आदमी बंदरों से आया है। बंदर शाकाहारी हैं, पूर्ण शाकाहारी। अगर डार्विन सही है तो आदमी को शाकाहारी होना चाहिए ❗️ 🙏 ‼️ अब जांचने के तरीके हैं कि जानवरों की एक निश्चित प्रजाति शाकाहारी है या मांसाहारी: यह आंत पर निर्भर करता है, आंतों की लंबाई पर। मांसाहारी पशुओं के पास बहुत छोटी आंत होती है। बाघ, शेर इनके पास बहुत ही छोटी आंत है, क्योंकि मांस पहले से ही एक पचा हुआ भोजन है। इसे पचाने के लिये लंबी आंत की जरूरत नहीं है। पाचन का काम जानवर द्वारा कर दिया गया है। अब तुम पशु का मांस खा रहे हो। यह पहले से ही पचा हुआ है, लंबी आंत की कोई जरूरत नहीं है। आदमी की आंत सबसे लंबी है: इसका मतलब है कि आदमी शाकाहारी है। एक लंबी पाचनक्रिया की जरूरत है, और वहां बहुत मलमूत्र होगा जिसे बाहर निकालना होगा। 🙏 ‼️ अगर ...