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Showing posts from December, 2017

Gyani Pandit Ji - Om Suryaya Namah ~ Blessed Sunday Divine Souls

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Hinduism lays great emphasis on worshipping the five gods. Lord Shiva and his Roop Hanuman, Lord Vishnu, Lord Ganesha, Maa Shakti and Surya Dev (Sun-god). One who renders devotional service to and worships any of these deities and does japa of their names gets all kinds of benefits – material, other-worldly, moral and spiritual. The Sun is the symbol of the Self-god. As the Self-god illuminates the mind, the intellect and the body, the Sun illuminates the world. But the Sun  too is illuminated by the Atman. Who is the knower of the existence or non-existence of the Sun? It is your real ‘I’, your Real Self. Your real ‘I’ is blazing in the form of the Sun. The Sun is the symbol of Knowledge and is the source of light, ojas, lustre, power and vitality. Elaborating on the meaning of Surya, the scriptures say: Surya is Su(supreme) + rya (inspiring). Thus Surya means ‘the supreme one that inspires’. ‘O Surya! O Lord! Illuminate my intellect with Knowledge. You are the ancient one,

Gyani Pandit Ji - कलियुग में हनुमानजी का निवास

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भगवान बजरंगबली, भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं। रुद्र अवतार बजरंग बली(हनुमानजी) का बल, पराक्रम, ऊर्जा, बुद्धि, सेवा व भक्ति के अद्भुत व विलक्षण गुणों से भरा चरित्र सांसारिक जीवन के लिए आदर्श माना जाता हैं। यही वजह है कि शास्त्रों में हनुमान को 'सकलगुणनिधान' भी कहा गया है।   पौराणिक मान्यताओं के अनुसार में कलियुग में हनुमानजी का निवास गन्धमादन पर्वत (वर्तमान में रामेश्वरम धाम के नजदीक) पर है। माना जाता है कि कलियुग में जहां-जहां हनुमान के इष्ट श्रीराम का ध्यान और स्मरण होता है, ब जरंगबली अदृश्य रूप में उपस्थित रहते हैं। शास्त्रों में उनके गुणों की स्तुति में लिखा भी गया है कि, 'यत्र-यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र-तत्र कृत मस्तकांजलिं।' इस तरह श्रीहनुमान का स्मरण हर युग में अलग-अलग रूप और शक्तियों के साथ संकटमोचक बन जगत को विपत्तियों से उबारते रहे हैं। गोस्वामी तुलसीदास, हनुमान चालीसा में लिखा है, 'चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा।' यानी हनुमान ऐसे देवता है, जो हर युग में किसी न किसी रूप, शक्ति और गुणों के साथ जगत के लिए संकटमोचक बनकर मौजूद रहते ह

Gyani Pandit Ji - नियम कैसे टूट जाते है? (मृत्यु बोध)

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|| नियम कैसे टूट जाते है? || एक टेलर था। दर्जी था। यह बीमार पडा। करीब-करीब मरने के करीब पहुंच गया था। आखिरी घड़िया गिनता था। अब मर की तब मरा। रात उसने एक सपना देखा कि वह मर गया।  और कब्र में दफनाया जा रहा है। बड़ा हैरान हुआ, क्रब में रंग-बिरंगी बहुत सी झंडियां लगी हुई है। उसने पास खड़े एक फ़रिश्ते से पूछा कि ये झंडियां यहाँ क्‍यों लगी है? दर्जी था, कपड़े में उत्‍सुकता भी स्‍वभाविक थी। उसे फ़रिश्ते ने कहा, जिन-जिन के तुमने कपड़े चुराए है। जितने-जितने कपड़े चुराए है। उनके प्रतीक के रूप में ये झंडियां लगी है। परमात्‍मा इस से तुम्‍हारा हिसाब करेगा। कि ये तुम्‍हारी चोरी का रहस्‍य खोल देंगी, ये झंडियां तुम्‍हारे जीवन का बही खाता है। वह घबरा गया। उसने कहा, हे अल्‍लाह, रहम कर, झंडियों को कोई अंत ही न था। दूर तक झंडियां ही झंडियां लगी थी। जहां तक आंखें देख पा रही थी। और अल्‍लाह की आवाज से घबराहट में उसकी नींद खुल गई। बहुत घबरा गया। पर न जाने किस अंजान कारण के वह एक दम से ठीक हो गया। फिर वह दुकान पर आया तो उसके दो शागिर्द थे जो उसके साथ काम करते थे। वह उन्‍हें काम सिखाता भी था। उस

Gyani Pandit Ji - रुद्राभिषेक का महत्व

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शिवालयों में भगवान शिव को जल के साथ कुछ विशेष चीजें अर्पित की जाती हैं, इसे रुद्राभिषेक कहा जाता है। इसमें शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार सावन में रुद्राभिषेक करना और भी शुभ व लाभकारी होता है। ✨ रुद्राभिषेक का महत्व ✨ भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, ग्रह जनित दोषों व रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है। रुद्रहृदयोपनिषद के अनुसार सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र मौजूद हैं और सभी देवता रूद्र क ी आत्मा हैं। भगवान शिव सर्व कल्याणकारी देव के रूप में प्रतिष्ठित हैं। धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं। ✨ ऐसे करें रुद्राभिषेक ✨ ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से होता है, लेकिन विशेष मौके पर या सावन, सोमवार, प्रदोष व शिवरात्रि आदि पर्व के दिनों मंत्र गोदुग्ध या अन्य दूध मिला कर अथवा सिर्फ दूध से भी अभिषेक किया जाता है। विशेष पूजा में दूध, दही, घृत, शहद और चीनी से अलग-अलग अथवा सब को मिला कर पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। जल से अभिषेक करने पर

Gyani Pandit Ji - भगवान विष्णु की उपासना शुभ फलदायी है, क्योंकि

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धार्मिक नजरिए से गृहस्थ हों या कार्यक्षेत्र सफलता पाने के लिए शांतस्वरूप व जगत के पालनहार भगवान विष्णु की उपासना शुभ फलदायी मानी गई है। क्योंकि भगवान विष्णु जगत पालक पुकारे जाते हैं। भगवान विष्णु से जुड़ा पालनकर्ता का भाव कर्तव्य व कर्म का एहसास कराता है। दोनों ही भावना सांसारिक जीवन की सफलता के लिए बहुत ही अहम है। व्यावहारिक रूप से भी जिम्मेदारी उठाने और काम को कुशलता से पूरा करने के लिए शांत स्वभाव और संयम जरूरी है।   वर्तमान में एकादशी, द्वादशी व पूर्णिमा तिथियों और गुरूवार के दिन, भगवान विष्णु की भक्ति, श्रीविष्णु मंत्र ध्यान के जरिए बड़ी मंगलकारी मानी गई है।  श्री विष्णु कृपा के लिए खासतौर पर विष्णु गायत्री मंत्र महामंत्र माना गया है। क्योंकि जगतजननी गायत्री की 24 देवशक्तियों में भगवान विष्णु एक हैं। इसके स्मरण मात्र से सारे कार्य बाधा, दु:ख व संताप दूर हो जाते हैं। जानिए यह विष्णु गायत्री मंत्र और विष्णु पूजा की आसान विधि - - स्नान के बाद घर के देवालय में पीले या केसरिया वस्त्र पहन श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल स्नान के बाद केसर चंदन, सुगंधित फूल, तुलसी की माला, प

Gyani Pandit Ji - जब श्री गणेश का सर काटा गया??

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श्री गणेश का सिर काटकर शिव जी ने एक न्याय का उदहारण दिया था ।।  जब गणेश का सर काटा गया उस समय गणेश ने अपनी माता के कहे अनुसार अपने कर्तव्य का पालन किया, परन्तु उस समय गणेश को अपनी क्षमता और शक्ति पर अहंकार था कि उसको माता शक्ति ने अपने शरीर के हल्दी चन्दन के अंश से बनाया तो जिस शक्ति और शिव के तप और संतुलन(मीज़ान) से आकाशगंगाएं अपनी धुरी पर केन्द्रित रहती हैं वो सबसे बलशाली है और जब शंकर जी कैलाश आये तब शंकर जी को अपने अहंकार के वश में होने के कारणवश गणेश के द्वारा अभद्र व्यव् हार हुआ।। जो उस समय एक बहुत ही चिंता का विषय थी क्योंकि जो स्वयं में इतनी शक्ति का अलौकिक सूत्र होने के बाद भी अपने अहंकार के कारण शंकर के उस रूप को ना पहचानता हो तब नंदी और बाकी शिवगणों ने गणेश को शिव का रास्ता रोकने से मना किया तब भी गणेश ने अपने अहंकार के कारण रास्ते से हटने की बजाय शिवगणों को ये कहकर ललकारा था कि अगर आपमें शक्ति है तो मुझे हटाकर दिखाओ और गणेश से सभी शिवगणों को परास्त कर दिया था।। उसके पश्चात् इतने सारे शिवगणों को परास्त करने के कारण गणेश में अहंकार और बढ़ा, वे सोचने लगे कि जब इतने सारे

Gyani Pandit Ji - शिव – कल्पना हैं या हकीकत?

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शिव – पौराणिक पात्र या सत्य ? एक बार एक बच्चे ने मुझसे पूछा, ‘यह जीवन हकीकत है या सपना?’ मैंने कहा, ‘जीवन एक सपना है पर यह सपना हकीकत है।’ इस उपमहाद्वीप ने पूरी दुनिया को यह सुंदर योग्यता दी है कि कैसे जीवन को एक साथ हकीकत और सपने के तौर पर देखा जा सकता है। इस जगह पलने वाला हर इंसान ‘माया’ को जानता है। वह जानता है कि हम जिस संसार में रहते हैं, यह जितना असली है, उतना ही नकली भी है।   यह नजरिया यहां की पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। इस महाद्वीप की पौराणिक कथाएं निरी काल्पनिक नहीं रही हैं, न यह कोई विशुद्ध तथ्य रहा है। यह न तो कोई सजावटी कल्पना थी और न ही कोई आंकड़ा। यह कोई ‘इसका’ या ‘उसका’ प्रश्न भी नहीं था – यह हमेशा से दोनों ही था। यह अनंत काल तक का भी था और तत्काल भी। कल्पना और अंतर्दृष्टि का अद्भुत मेल, सत्य का एक गहरा स्तर। उसी ने इसे इतिहास से कहीं अधिक गहन बना दिया। जब मैं शिव, योग के स्रोत,  आदियोगी  की बात करता हूँ, तो अक्सर मुझसे पूछा जाता है कि मैं उन्हें कल्पना या इतिहास, धारणा या वास्तविकता, अतीत या वर्तमान में से; क्या मानता हूँ। मैं कहता हूँ, ‘दोनों। वे धुएँ की ऐसा

Gyani Pandit Ji - Every moment has happiness it,If you loose its memory....

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So many of us live our lives always expecting for something to happen, tricking ourselves into thinking and believing that tomorrow will be better than today, that the next moment will be more precious and more valuable that this moment, constantly dreaming and hoping for something else, for something better, not realizing that Life is what happens to you, while you’re busy making other plans. ~ John Lennon Every moment has love in it , every moment has happiness it. If you l oose its memory , if you live it’s life ! If we could only start seeing this as being true and if we could only allow ourselves to be fully present in everything we do without the need to chase for something else, without the need to chase after something that will happen in the future, something that is not yet there we would be happy. When your mind is fully present and engaged in whatever you are doing each second of the day, you are content and you are at peaceful, for life is now, and life will always b