Gyani Pandit Ji - रुद्राभिषेक का महत्व

शिवालयों में भगवान शिव को जल के साथ कुछ विशेष चीजें अर्पित की जाती हैं, इसे रुद्राभिषेक कहा जाता है। इसमें शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार सावन में रुद्राभिषेक करना और भी शुभ व लाभकारी होता है।
रुद्राभिषेक का महत्व
भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, ग्रह जनित दोषों व रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है। रुद्रहृदयोपनिषद के अनुसार सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र मौजूद हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं।
भगवान शिव सर्व कल्याणकारी देव के रूप में प्रतिष्ठित हैं। धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
ऐसे करें रुद्राभिषेक
ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से होता है, लेकिन विशेष मौके पर या सावन, सोमवार, प्रदोष व शिवरात्रि आदि पर्व के दिनों मंत्र गोदुग्ध या अन्य दूध मिला कर अथवा सिर्फ दूध से भी अभिषेक किया जाता है।
विशेष पूजा में दूध, दही, घृत, शहद और चीनी से अलग-अलग अथवा सब को मिला कर पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है। असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। वहीं, धन-वृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है। गो दुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है। पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करें।

Comments

Popular posts from this blog

Gyani Pandit Ji - Importance of Havan or Yagya

Gyani Pandit Ji - क्यों होती है खंडित शिवलिंग की पूजा?

Gyani Pandit Ji - About Adiyogi (Lord Shiva)