Gyani Pandit Ji -बुधवार का दिन गणपति जी का दिन माना जाता है,लेकिन ??

प्रत्येक भगवान के कुछ पवित्र दिन और प्रिय नाम होते हैं। माना जाता है कि अपने ईष्‍ट देवी-देवताओं के प्रिय नाम लेने से वह जल्‍दी ही प्रसन्‍न होते हैं और मनोकामना की पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं। इसी प्रकार से भगवान गणेश के भी कुछ नाम हैं जो उन्‍हें अतिप्रिय हैं। भगवान गणेश की आराधना में इन नामों के जप से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
🕉 जानिए गणपति जी के प्रिय नाम । 🕉 
गजानन 
इस नाम का अर्थ है – जिसका मुख हाथी के मुख के समान हो अर्थात् भगवान गणेश का मुख हाथी का है। यह नाम गणपति जी को अत्‍यंत प्रिय है।
लंबोदर
भगवान गणपति का पेट (उदर) बड़ा है, इस कारण उनका नाम लंबोदर पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि बड़ा पेट किसी का विश्‍वास जीतने का प्रतीक है।
गणाध्यक्ष
सभी देवगणों के अध्यक्ष होने के नाते भगवान गणेश गणाध्‍यक्ष भी कहलाते हैं। गणेश जी अपने विशिष्‍ट गुणों के कारण गणाध्यक्ष हैं।
गजकर्ण
भगवान गणेश का मुख और कान हाथी के समान होने के कारण उन्‍हें सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
सुमुख
गणेशजी को सुंदर मुख वाला कहा गया है। शास्‍त्रों में उल्‍लेख है कि उनके दर्शन मात्र से ही सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। सुंदर मुख के कारण भगवान गणेश को सुमुख नाम मिला।
विनायक
सभी देवताओं में गणपति प्रथम पूजनीय हैं। उन्‍हें नायकों का नायक भी कहा जाता है। यह नाम उन्हें धैर्य, सुबुद्धि, माता-पिता के प्रति भक्ति, विद्वता और विनयशीलता के कारण दिया गया है।
🕉 बुधवार को प्रसन्न करें श्री गणेश को 🕉
बुधवार का दिन गणपति जी का दिन माना जाता है, मान्यता के अनुसार इस दिन गणपति जी को पूजने से अपना हर सपना पूरा किया जा सकता है। जिस तरह मंगलवार व्रत से हनुमान जी खुश होते हैं, वैसे ही बुधवार को नियमपूर्वक गणपति जी को पूजें तो वे बुद्धि और स्मृद्धि से आपकी तकदीर बदल देंगे। जब भी कोई शुभ कार्य हो तो सबसे पहले गणपति जी की पूजा की जाती है, क्योंकि उन्हें प्रथम पूज्य माना गया है। प्रथम पूज्य गणपति जी के स्मरण मात्र से ही सब कष्ट दूर हो जाते हैं।
1. प्रथम स्मरण गणेश जी का: सुबह उठते ही वैसे तो रोज ही गणपति जी का स्मरण करना चाहिए, लेकिन यदि रोज ना भी कर पाएं तो बुधवार के दिन विशेष तौर पर गणपति जी का स्मरण सबसे पहले करें। जैसे ही आपकी नींद खुले, गणपति जी का स्मरण करते हुए उन्हें अब तक की जिंदगी और अच्छी नींद के लिए धन्यवाद ज्ञापित करें । साथ ही आज का दिन और भविष्य सुखमय हो, इसके लिए विनती करें। आपको गणपति जी का मंत्र आता हो तो उसका जाप करें, अन्यथा, सामान्य रूप से स्मरण भर कर लें।
2. स्नान के तुरंत बाद ध्यान करें : जैसे ही आप अपनी दैनिक क्रियाओं से निवृत्त हो जाएं तो स्नान कर लें । स्नान करने के बाद गणेश जी के सामने घी का दीपक जलाएं। धूप भी लगाएं । कोशिश करें कि अगरबत्ती की बजाय धूप ही लगाएं और वह सुगंधित हो। गणपति जी का स्मरण करते हुए पहले धूप दिखाएं और उसके बाद दीप दिखाएं और सब कष्ट आपकी जिंदगी से दूर रखने का निवेदन करें। यह सब कार्य बिना कुछ खाए-पीए कर पाएं तो अधिक फलदायी होता है।
3. गणपति जी को कुमकुम का तिलक करें : गणपति पूजन के दौरान जब आप दीप और धूप दिखा चुके हों तो उसके बाद गणपति जी को आराध्य देव मानते हुए उन्हें कुमकुम से तिलक करें । साथ ही वस्त्रों के रूप में भगवा रंग का सूत का टुकड़ा अर्पित करें। इसके बाद गणपति जी को लाल या सुनहरे रंग का फूल अर्पित करें। सबसे आखिर में गणपति जी को बेसन के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
4. गणपति जी के मंत्र का उच्चारण : पूजा के दौरान आप गणपति जी के मंत्र का उच्चारण करते रहें । पूजा शुरू करते समय गणपति जी मंत्र का उच्चारण करते हुए गणपति जी का आह्वान करें –
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः
निर्विघ्नम् कुरुमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा॥
इसके पश्चात ऊँ गं गणपते नमः का जाप करते हुए पूजा करें ।
5. गणपति जी की कथा का पाठ करें : गणपति जी की कथा का अपना महत्व है। पूजन के दौरान गणपति जी की कथा करने से फल कई गुना बढ़ जाता है। हालांकि यह कथा गणेश चतुर्थी कथा के नाम से जानी जाती है, लेकिन इसका पाठ हर बुधवार को भी करना चाहिए।
पूजन को पूरा करने के लिए अंत में गणपति जी की आरती करें और मोदक या बेसन के लड्डू का प्रसाद बच्चों और परिजनों में वितरित करें । गणपति जी को जो भोग लगाया था, उसे आप गाय को खिला सकते हैं। गाय को खिलाना संभव न हो तो पक्षियों को दे सकते हैं ।
🕉 Dwadasha Namavali of Lord Ganesha 🕉
1.
सुमुख
ॐ सुमुखाय नमः।
Sumukha
Om Sumukhaya Namah।
One Who has a beautiful face
2.
एकदन्त
ॐ एकदन्ताय नमः।
Ekadanta
Om Ekadantaya Namah।
Having One Tooth
3.
कपिल
ॐ कपिलाय नमः।
Kapila
Om Kapilaya Namah।
4.
गजकर्णक
ॐ गजकर्णकाय नमः।
Gajakarnaka
Om Gajakarnakaya Namah।
One with ears of an elephant
5.
लम्बोदर
ॐ लम्बोदराय नमः।
Lambodara
Om Lambodaraya Namah।
One with a large belly
6.
विकट
ॐ विकटाय नमः।
Vikata
Om Vikataya Namah।
One Who is ferocious
7.
विघ्ननाश
ॐ विघ्ननाशाय नमः।
Vighnanasha
Om Vighnanashaya Namah।
Destroyer of obstacles
8.
विनायक
ॐ विनायकाय नमः।
Vinayaka
Om Vinayakaya Namah।
One who has the qualities to lead
9.
धूम्रकेतु
ॐ धूम्रकेतवे नमः।
Dhumraketu
Om Dhumraketave Namah।
The Lord of a smoky color
10.
गणाध्यक्ष
ॐ गणाध्यक्षाय नमः।
Ganadhyaksha
Om Ganadhyakshaya Namah।
Leader of the Ganas
11.
भालचन्द्र
ॐ भाल चन्द्राय नमः।
Bhalachandra
Om Bhala Chandraya Namah।
One Who wears the moon on his head
12.
गजानन
ॐ गजाननाय नमः।
Gajanana
Om Gajananaya Namah।One Who has the face of an elephant

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