Gyani Pandit Ji - महाशिवरात्रि कथा और व्रत विधि
महा शिवरात्रि के अनुष्ठान इस दिन भक्त लोग भगवान शिव की स्तुति करते हुए श्लोक और भजन गीत गाते है ताकि उनको उनके पापों से मुक्ति मिल सके। वे परंपरागत रूप से शिवलिंग पर दूध पानी बेल के पत्ते और फलों को चडाते हैं। भक्त गंगा की पवित्र नदी में डुबकी से दिन की शुरूआत करते हैं। इस दिन अविवाहित महिला भक्त एक अच्छे पति के लिए पार्वती देवी को प्रार्थना करती हैं और विवाहित महिलाएं अपने पतियों और बच्चों की भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं। मंदिरों में पूजा करने के लिए भक्त पवित्र का प्रयोग करते हैं। कुछ लोग शिवलिंगम पर गाय का दूध चडाते हैं। "शंकरजी की जय" और "महादेवजी की जय" के नारे लगाये जाते है। महाशिवरात्रि कथा वैसे तो इस महापर्व के बारे में कई पौराणिक कथाएं मान्य हैं, परन्तु हिन्दू धर्म ग्रन्थ शिव पुराण की विद्येश्वर संहिता के अनुसार इसी पावन तिथि की महानिशा में भगवान भोलेनाथ का निराकार स्वरूप प्रतीक लिंग का पूजन सर्वप्रथम ब्रह्मा और भगवान विष्णु के द्वारा हुआ, जिस कारण यह तिथि शिवरात्रि के नाम से विख्यात हुई। महा शिवरात्रि पर भगवान शंकर का रूप जहां प्रलयकाल में सं...